!! प्यारी माँ !! - Poetry
जग की खुशियाँ वार दिया
तुम सा कोई नहीं
तुम बिन कोई नहीं
तुम न होती तो
कुछ न होता माँ
तुम कहती हो
मैंने पहला शब्द-
मामा बुलाया था
पर वो तो माँ-माँ था
तुम्हे दो बार पुकारा था
तुम इतनी प्यारी हो
इस जग से न्यारी हो
तुम न होती तो
कुछ न होता माँ
मै हँसु तो तुम खुश
मै रोउ तो तुम रोती हो
मेरे सोने पे ही तुम
चैन से सोती हो
अभी भी याद है, तेरा बेचैन होना
मेरे पीछे रस्ते पे नैन होना
जबतक मै घर न आऊ तुम इंतजार करती थी
सबसे ज्यादा माँ तुम मुझे प्यार करती थी
सबसे ज्यादा माँ तुम मुझे प्यार करती थी
मुझे याद है तेरा गुस्सा करना
और दिल ही दिल में दुलार करना
छोटी-छोटी गलतियों पे टोकना
और कु-रास्तो को रोकना
तुम इतनी क्यों अच्छी हो
निर्मल जल सी सच्ची हो माँ
-चंचल साक्षी
31st Oct, 12
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