प्रकृति की गोद में - A Poetry on Nature's beauty

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रकृति की गोद में
ज्ञान की ज्योति है 
अद्भुत अनुभूति है 
प्रकृति की गोद में। 

धुप है छाँव है 
पीपल और गॉंव है 
प्रकृति कि गोद में।  

माँ कि ममता है 
पिता का स्नेह है
प्रकृति की गोद में। 

बसंत-बहार है 
झरनो की झंकार है 
प्रकृति की गोद में। 

सुंदर नज़ारे है 
विस्मित हम सारे है 
प्रकृति की गोद में। 

प्यारी-प्यारी कलियाँ है 
भंवरो की जो जान है
प्रकृति की गोद में। 

हर्षो-उल्लास है 
हर ओर प्रकाश है 
प्रकृति की गोद में। 
-चंचल साक्षी 
 21/11/13

Comments

Popular Posts