Expressions - Poetry

















पि को ढूंढन मैं चली 
ढूंढा जग संसार 
जग मुया तो मिल गया 
मिला न पि का प्यार 

पि तेरे मन बसा, 
ढूंढा जग - संसार,
मन में पि था हँस रहा,

मूँद नयन - खोल मन का द्वार!

(Replied by Nikita- A friend of mine on Facebook)

हाँ बसा पि मन मेरे 
क्यूँ ढुंढू जग संसार 
नयन मुंद उसे ध्याऊ मैं 
फिर भी न आया पि को प्यार 
(Reply of Nikita Reply)
-चंचल साक्षी 

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