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हमसफ़र - Poetry
मिलो सफर किया
जिस हमसफ़र के लिए
हमारा मंजिल अलग हैं
वह कहकर चल दिए
मित- मित कहकर जिसे
मनमीत बनाया हमने
तुम भला किस लायक
वह कहकर चल दिए
लाख बाधाएं पार कर
जिसे पाया हमने
मेरे राह की बाधा हो तुम
वह कहकर चल दिए
-चंचल साक्षी
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